हार मान लेना सबसे आसान है। प्रयास करके हार मानना संतोष देता है और कोशिस करके जीत जाना कामयाबी की कहानी बताता है।
एक बूढ़ा किशान सालो से अपने खेत में हल चला रहा था। उसके खेत में बीचो-बीच एक बड़ा पत्थर जमीन में धसा हुआ था। उस पत्थर से टकराकर किशन के कई हल टूट चुके थे। सभी लोगो ने किशान को सलाह दी की पत्थर की ओर ध्यान मत दो , अपना काम करते रहो क्योकि इस पत्थर को हटाना मुमकिन नहीं है। किशान भी उनकी बात मानता रहा और काम करने में लगा रहा। एक दिन पत्थर से टकराकर किशान का सबसे अच्छा हल टूट गया। इससे उसे बहुत दुःख हुआ और वो काफी देर उसी की बारे में सोचता रहा। उसे वो सब हल याद आने लगे जो इस पत्थर के कारण टूट चुके थे किशान ने अब कुछ भी करके इस पत्थर को हटाने की ठान ली।
किशान ने एक लोहे का सब्बल लिया और पत्थर के नीचे अटका कर उसे हिलाने लगा तो उसे ये देखकर उसे बहुत आष्चर्य हुआ की पत्थर तो सिर्फ आठ - नौ इंच ही जमीन में धसा हुआ था और उसे थोड़ा ही परिश्र्म करके खेत से बहार किया जा सकता था। उस पत्थर को लुढ़का कर किनारे लगते समय किशान को वो पल याद आ रहे थे जब उस पत्थर से टकराकर उसके कई हल टूट गए और उसे कुछ चोट भी आई थी। पत्थर को हटा कर अब किशान बहुत खुस था , लेकिन उसके मन में ये भी विचार चल रहा था की वो पत्थर हटाने के लिए उसने पहले कभी प्रयास क्यों नही किया।
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