नेकी का काम – Hindi Short Story With Moral

नेकी का काम – Hindi Short Story With Moral

श्रीमान राहुल रावत जी जो Office का समय पूरा होने के बाद घर जाने की तैयारी कर रहे थे और तभी उन्हें याद आया की उनकी पत्नी ने आज उनसे 1 दर्जन केले मंगाए हैं। जब वो रास्ते में थे तो उन्हें एक बूढी महिला दिखाई दी जो की रोड के किनारे ताजे केले बेच रही थी। श्रीमान राहुल वैसे तो केले हमेशा अपनी पसंद की एक बड़ी Shop से लेना पसंद करते थे जो की उनके ऑफिस से थोडा दूर थी लेकिन क्योंकि आज वो जरा जल्दी में थे इसलिए उन्होंने सोचा क्यों न आज केले इसी बूढी महिला से ही ले लिए जाए।

Hindi Short Story With Moral

वो गाडी से उतरे और उस बूढी महिला के पास जाकर 1 दर्जन केले का मूल्य पूछा। बूढी महिला ने जवाब दिया 70 रूपये / दर्जन। यह सुनकर श्रीमान राहुल बोले मै हमेशा जिस Shop से केले लेता हु वो मुझे 50 रूपये / दर्जन में देते है अगर 50 रूपये / दर्जन में देने है तो बताओ। उस बूढी महिला ने जवाब दिया नही सर 50 रूपये / दर्जन में तो मुझे खुद का नुक्सान हो जाएगा फिर भी मै आपके लिए 60 रूपये / दर्जन मूल्य लगा सकती हु इससे कम नही। श्रीमान राहुल बोले “कोई बात नही” और फिर अपनी गाड़ी उस Shop की तरफ घुमा ली जहाँ से वो हमेशा केले लिया करते थे। 


वे Shop के अंदर गए 1 दर्जन ताजे केलों को उठाया और उनका पैसा देने के लिए कैशियर के पास पहुचे लेकिन उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ जब कैशियर ने उन्हें बताया की 1 दर्जन केलों का मूल्य 100 रूपये है। श्रीमान राहुल कैशियर से बोले ” मै काफी समय से इसी Shop से केले खरीद रहा हु लेकिन लगता है अचानक इतना मूल्य तेज़ी से बढ़  गया है, मै आपकी Shop का इतने लंबे अरसे से ग्राहक हु क्या मेरे लिए कोई Discount नही हो सकता? ” पास खड़ा मैनेजर ये साड़ी बात सुन रहा था वो श्रीमान राहुल के पास आया और बोला “माफ़ कीजियेगा सर लेकिन हमारे Price Fix हैं और इसमें कोई मोल-तोल नही की जा सकती ” श्रीमान राहुल रावत जी को थोड़ा बुरा लगा और बुरा लगना स्वभाविक भी था उन्होंने कुछ देर सोचा और फिर केले निचे रख दिए। वो दुबारा से उसी बूढी महिला के पास  गए वो बूढी महिला उन्हें पहचान गयी और कहने लगी “मालिक माफ़ करना लेकिन 50 रूपये / दर्जन में मुझे नुकसान हो जाएगा और इतने मूल्य में मै आपको केले नही दे सकती”
श्रीमान राहुल बोले “मूल्य की चिंता मत करो मै तुम्हे प्रति दर्जन के 100 रूपये दूंगा और इस बार मुझे 2 दर्जन चहिये” बूढी महिला बहुत खुस हो गयी और 2 दर्जन केले श्रीमान राहुल को देते हुए बोली “मै आपकी दयालुता का सम्मान करती हू लेकिन मै प्रति दर्जन के 100 रूपये नही ले सकती मै प्रति दर्जन केवल 70 रूपये ही लुंगी” इसके आगे बूढी महिला बोली “मेरे पति की एक छोटी सी फलों की दूकान थी लेकिन मेरे पति बहुत बीमार हो गए, हमारे कोई बच्चे और रिस्तेदार नही हैं जो हमे सहयोग करें, उनकी दवाइयों के खर्चों के लिए हमे अपनी दूकान बेचनी पड़ी लेकिन अभी भी खर्चा नही चल रहा है” और यह कहते हुए उस बूढी महिला के आँखों से आँसू गिरने लगे आँसू पोछते हुए वो बोली “लेकिन अब खर्चा चलाने और जिंदगी जीने के लिए मैंने ये केले बेचने का काम शुरू किया है”


यह सब सुनकर श्रीमान राहुल बोले “चिंता मत कीजिये आप बहुत अच्छा कर रही हैं आज से मै सिर्फ आपसे ही केले लिया करूँगा” श्रीमान राहुल ने अपना बटुआ निकाला और बूढी महिला को 1000 रूपये देते हुए बोले “यह लीजिये कल से और Fruits भी लाइए और मेरी तरफ से इसे Advance Payment समझिये” बूढी महिला ने श्रीमान राहुल को मुस्कुराते हुए धन्यवाद दिया। 
इसके बाद श्रीमान राहुल ने अपने Office के लोगों को भी उस बूढी महिला से फल लेने का सुझाव दिया और श्रीमान राहुल और अन्य लोगो की मदद से उस बूढी महिला की जिंदगी बेहतर होने लगी। 

शिक्षा –

हम हमेशा Shopping के लिए बड़े-बड़े मॉल जाना पसंद करते है क्योकि वंहा हमे अच्छे ब्रांड मिल जाते है और ये अच्छा भी है लेकिन आज लगभग सभी बड़े मॉल्स में Fruits भी बिकना शुरू हो गया है और जो लोग बड़े-बड़े मॉल्स से Fruits खरीदते है उनके लिए एक संदेश है – बड़े मॉल्स से Fruits लेने से पहले एक बार रोड के किनारे फल बेचने वाले के बारे में जरूर सोचिये, फलों का कोई ब्रांड नही होता जो फल आप बड़े मॉल्स से खरीदेंगे वही फल आप उस रोड के किनारे खड़े व्यक्ति से भी खरीदेंगे लेकिन अगर आप ये फल रोड के किनारे खड़े व्यक्ति से लेते है तो आप एक बेहतर जिंदगी जीने में उस व्यक्ति की मदद कर सकते हैं। 
बड़े-बड़े Malls में जाने के बाद हम मोल-तोल भी नही करते और जितना पैसा हमसे माँगा जाता है उतना दे आते है लेकिन रोड किनारे कुछ बेचने वाले और रिक्शे वालों से मोल-तोल करना अपना हक़ समझते है। इस गलत मानसिकता से बहार आइये इस बारे में गहराई से सोचिये और श्रीमान राहुल की तरह आप भी निर्णय लीजिये की आज से ऐसे लोगो से ही फल आदि खरीदे जिनको ज्यादा जरूरतमंद समझे।  


धन्यवाद,
अमित त्रिपाठी
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